बंटवारे के 74 साल बाद करतारपुर साहिब में गले लग कर रोए दो भाई, वीडियो ने सबकी आंखें नम कर दीं
two brothers reunite at kartarpur corridor
विभाजन की यादें, वो ज़ख़्म आज भी ताज़ा हैं. सीमा के दोनों ही तरफ़ के जिन लोगों ने विभाजन की मार झेली वो तो सपने में भी वो दुख नहीं भूल सकते. बाद की पीढ़ियां भी कहानियां सुनकर वो दर्द महसूस कर लेती हैं ।
बीते मंगलवार को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर, पढ़कर या सुनकर किसी की भी आंखें नम हो जाएंगी. दोनों ही ओर के श्रद्धालु खड़े थे और बीच में दो बुज़ुर्ग एक-दूसरे के गले लग कर रो रहे थे ।
हर देखने वाले को उन पलों की क़ीमत पता है, वो क़ीमत है 74 साल का लंबा इंतज़ार करतारपुर साहिब में दो भाई विभाजन के 74 साल बाद एक-दूसरे को गले लगा रहे थे. ये दो भाई हैं शैला, भारत के मोहम्मद हबीब और फ़ैसलाबाद, पाकिस्तान के मोहम्मद सिद्दीक़. विभाजन के समय ये दो भाई बिछड़ गये थे. सोशल मीडिया पर इन दो भाइयों का वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है और हर किसी की आंखे नम कर दे रहा है ।
की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद सिद्दीक़ फ़ैसलाबाद के बोगरा के रहने वाले हैं. सिद्दीक़ का कहना है कि पाकिस्तान बनने के दो दिन पहले उनकी मां छोटे भाई हबीब को लेकर अपने माता-पिता से मिलने गई थी. हबीब की उम्र उस समय कुछ महीने रही होगी. विभाजन के बाद सिद्दीक़ अपनी मां का इंतज़ार करते रहे पर वो नहीं लौटी. 74 साल बाद सिद्दीक़ अपने भाई से दोबारा मिल रहे हैं ।
Kartarpur Sahib corridor has reunited two elderly brothers across the Punjab border after 74 years. The two brothers had parted ways at the time of partition. A corridor of reunion 🙏 pic.twitter.com/g2FgQco6wG
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) January 12, 2022
two brothers reunite at kartarpur corridor Twitter
हबीब का कहना था कि करतारपुर कॉरिडोर की वजह से वो अपने भाई से मिल पाए. दोनों भाइयों के मिलने की व्यवस्था ‘Punjabi Parchar’ नामक NGO ने की. इस NGO ने कई बिछड़े भाइयों, दोस्तों को मिलाया है. NGO ने कुछ दिनों पहले सिद्दीक़ का वीडियो शेयर किया था और सोशल मीडिया की मदद से दोनों भाई दोबारा मिले ।
बीते साल नवंबर में करतारपुर कॉरिडोर में दो दोस्त दोबारा मिले. भारत के सरदार गोपाल सिंह और पाकिस्तान के मोहम्मद बशीर 1947 में बिछड़ गए थे।
Religion and pilgrimage aside for a moment… this is a heart-warming story from Kartarpur Sahib ❤️❤️
The Kartarpur Corridor reunited two nonagenarians friends, Sardar Gopal Singh (94) from India and Muhammad Bashir (91) from Pakistan. They had got separated in 1947. pic.twitter.com/VnKoxhKxLb
— Harjinder Singh Kukreja (@SinghLions) November 22, 2021
करतारपुर साहिब कॉरिडोर पाकिस्तान के दरबार सिंह गुरुद्वारा और पंजाब के डेरा बाबा नानक साहिब गुरुद्वारा को जोड़ता है. सिख श्रद्धालु बिना वीज़ा के पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा जाकर शिश झुका सकते हैं ।
(साभार)