प्रेरणा: 18 साल की उम्र में पति ने रिश्ता तोड़ कर दिया घर से बाहर, अब 32 साल की उम्र में बनी SI

आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी कि अगर इंसान में धैर्य हो, तो वह ऊंचे से ऊंचे पहाड़ को भी अपने कदमों में झुका सकता है। लेकिन धैर्य को परिभाषित करने के लिए सिर्फ़ कुछ पंक्तियाँ ही काफ़ी नहीं होती है, क्योंकि हर किसी में सब्र रखने की काबिलियत नहीं होती है।

हालांकि जो व्यक्ति जीवन के उतार चढ़ावों से सबक लेकर धैर्य का दामन थामें रखता है, उसकी ज़िन्दगी से एक न एक दिन संकट के सभी बादल हट की जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ एनी शिवा (Anie Siva) नामक महिला के साथ, जिन्होंने अपने साहस और मेहनत के दम पर सब इंस्पेक्टर का पद हासिल किया है।
एनी शिवा (Anie Siva) की कहानी उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा है, जो वक़्त और हालातों को देखकर हार मान लेते हैं। क्योंकि जब किसी व्यक्ति में कुछ कर गुजरने की चाह होती है, तो राह कितनी ही मुश्किल क्यों न हो मंज़िल मिल ही जाती है। तो आइए जानते हैं एनी शिवा के बारे में, जिनकी कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रही है-
तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) के कांजीरामकुलम (Kanjiramkulam) में रहने वाली एनी शिवा (Annie Siva) ने स्कूल की पढ़ाई ख़त्म करके केएनएम गवर्मेंट कॉलेज में एडमिशन लिया था, जो उनके लिए एक अलग ही दुनिया थी। 18 साल की उम्र में एनी को अपने ही कॉलेज के एक लड़के से प्यार हो गया था, उस वक़्त वह फर्स्ट ईयर की छात्रा थी।
जब एनी शिवा के परिवार को उनके प्रेम सम्बंध के बारे में पता चला, तो एनी के सामने प्यार और परिवार में से किसी एक चुनने की विकल्प था। एनी ने परिवार के खिलाफ जाकर अपने बॉयफ्रेंड के साथ शादी करने का फ़ैसला किया और घर छोड़कर चली गई। एनी ने अपने पति के साथ रहने के दौरान एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन बच्चे के जन्म के 6 महीने बाद ही एनी के पति ने उन्हें छोड़ दिया। इस तरह एनी शिवा रातों रात सड़क पर गई, उनके पास न रहने के लिए घर था और न ही पेट भरने के लिए भोजन।
पति के छोड़ने के बाद एनी अपने परिवार के पास लौट आई, इस उम्मीद में कि उन्हें और उनके बच्चे को सिर छिपाने के लिए छत मिल जाएगी। लेकिन एनी के परिवार ने उन्हें अपनाने से साफ़ इंकार कर दिया, जिसके बाद एनी अपने घर के पीछे बनी एक छोटी-सी झोपड़ी में रहने लगी।
जीवन के उतार चढ़ावों के बीच एनी ने अपने कॉलेज की पढ़ाई जारी रखी थी, क्योंकि उन्हें अपने जीवन में कुछ बेहतर करके दिखाना था। लेकिन पढ़ाई के साथ बच्चे की देखभाल और पेट भरने के लिए खाना जुटाना भी एक बहुत बड़ी चुनौती थी।

एनी ने अपना और अपने बेटे का पेट भरने के लिए घर से आसपास छोटे मोटे काम करना शुरू कर दिया, इसके साथ ही वह घर-घर जाकर करी पाउडर और साबुन बेचने का काम भी करती थी। एनी ने इंश्योरेंस एजेंट के रूप में भी काम किया और छात्रों के लिए प्रोजेक्ट व रिकॉर्ड्स बनाकर भी पैसे इकट्ठा किए।

Leave a Comment