बिहार में देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार है। यहां के जमुई जिले के सोनो प्रखंड के करमटिया इलाके में यह भंडार है। केंद्रीय खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने खुद इस बात की जानकारी बुधवार को संसद में दी। प्रहलाद जोशी ने खुलासा किया है कि जमुई में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है। अकेले 44 प्रतिशत सोना जमुई जिले के सोनो इलाके में है। मंत्री के खुलासे के बाद देश के सबसे गरीब राज्यों में से एक बिहार की उम्मीदें जग गई हैं। स्थानीय लोगों को जल्द ही सोने का खनन शुरू होने की आस भी जगी है।
सांसद संजय जायसवाल ने पूछा सवाल तो मिली जानकारी
बिहार बीजेपी अध्यक्ष और बेतिया सांसद संजय जायसवाल ने लोकसभा में बुधवार को केंद्रीय खनन मंत्री प्रहलाद जोशी से बिहार के राज्यों में सोने के भंडार को लेकर सवाल किया था। इसी सवाल के जवाब में प्रहलाद जोशी ने जानकारी देते हुये बताया था कि बिहार में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है। इसमें बताया गया कि देश में कुल 501.83 टन का प्राथमिक स्वर्ण अयस्क भंडार है। इसमें 654.74 टन स्वर्ण धातु है, इसमें 44 फीसद सोना तो केवल बिहार में ही पाया गया है। राज्य के जमुई जिले के सोनो क्षेत्र में 37.6 टन धातु अयस्क सहित 222.885 मिलियन टन स्वर्ण धातु से संपन्न भंडार मिला है।
जमुई जिले का सोनो प्रखंड के चुरहेत पंचायत का करमटिया इलाका कई दशकों से स्वर्ण भंडार को लेकर चर्चा में रहा है। यहां के लोग बताते हैं कि बहुत पहले से यहां की मिट्टी में सोने के छोटे-छोटे टुकड़े पाए जाते थे। बहुत पहले लोग करमटीया इलाके के मिट्टी को नदी के पानी में धोकर छानते हुए सोना निकाल लेते थे, जिस कारण ही लगभग 15 साल पहले सरकार की एजेंसी के लोग यहां आए थे और महीनों रहकर सर्वेक्षण का काम हुआ था।
बताया जा रहा है कि उसी सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि जमुई जिले के सोनो प्रखंड के इसी करमटिया इलाके में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है, यहां 44 प्रतिशत सोना पाये जाने की बात कही जा रही है।
जमुई में कई दूसरे खनिजों का भी है भंडार
जमुई के सोनो के अलावा अन्य प्रखंडों में भी कई तरह के खनिज अयस्क पाए पाए जाते हैं। इसमें अभ्रक के अलावा गोमेद समेत कई कीमती पत्थर भी शामिल हैं। ऐसी स्थिति में बताया जा रहा है कि 15 साल पहले जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के लोगों के सर्वेक्षण के बाद खुदाई महंगी होने के कारण फिर से शुरू नहीं हो पाई। लेकिन, आधुनिक तकनीक के माध्यम से अब खुदाई पहले की अपेक्षा सस्ती होने लगी है तो अब संभावनाएं भी दिख रही हैं कि यहां जल्द सोने का खनन शुरू हो सकता है।
बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा विधानसभा परिसर में अपनी गाड़ी रोकने पर बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि डीएम एसपी की गाड़ी चली जाती है लेकिन मंत्री की गाड़ी को रोक देते हो। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि अधिकारी बड़े या मंत्री? उन्होंने चेतावनी दी कि पदाधिकारी का निलंबन होगा तभी सदन में भाग लूंगा।
मंत्री जीवेश कुमार ने कहा कि मेरी गाड़ी को रोककर डीएम-एसपी को पास दिया गया। सदन में भी उन्होंने अपनी बेइज्जती का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब वह सदन आ रहे थे तब उनकी गाड़ी को रोक कर एसपी-डीएम की गाड़ी को पास दिया गया। इससे नाराज मंत्री ने सदन में पूछा कि सरकार बताएं कि सरकार बड़ा या डीएम-एसपी। मंत्री के हमलावर होने पर विपक्ष भी उनके समर्थन में मंत्रीजी को न्याय दो का नारा लगाने लगे।
इससे पहले बीजेपी एमएलए नीतीश मिश्रा ने ही निशाना साध दिया था। कहा कि सरकार पर निशाना साधा और ग्रामीण विकास विभाग के उद्घाटन शिलान्यास में विधायकों को नहीं बुलाने और काम की जानकारी नहीं देने का आरोप सदन में लगाया।
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डीएम-एसपी को तुरंत सस्पेंड करें
सदन में आक्रामक दिख रहे जीवेश कुमार ने कहा कि सरकार आज क्लीयर करे मंत्री बड़ा है या डीएम-एसपी। कहा कि सदन आते समय मेरी गाड़ी को रोक दिया गया। पूछने पर बताया गया कि एसपी-डीएम जा रहे हैं इसलिए आप नहीं जा सकते। मंत्री ने कहा ये तो हद हो गई। डीएम-एसपी को तुरंत सस्पेंड किया जाना चाहिए.
मंत्री जी को न्याय दो, के लगे नारे
मंत्री के अपने सरकार पर हमलावर होने के बाद विपक्ष भी उनके साथ आ गया और हंगामा करने लगे। इसके बाद विपक्षी विधायक मंत्री के समर्थन में आ गये। राजद समेत सभी विपक्षी सदस्य वेल में पहुंचकर मंत्री जी न्याय दो का नारा बुलंद करने लगे। विपक्षी विधायकों ने कहा कि मंत्री जी को हर हाल में न्याय मिलनी चाहिए। भाकपा माले विधायक दल के नेता ने सरकार पर तंज किया और कहा कि विधायक की पिटाई तो हो ही गई अब मंत्रियों की पिटाई बच गई है।
विधायकों की प्रतिष्ठा सबसे बड़ी
शोर-गुल कर रहे सदस्यों से अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री जी को जरूर न्याय मिलेगा। अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि विधायकों की प्रतिष्ठा सबसे बड़ी है। सरकार की तरफ से ससंदीय कार्य मंत्री सदन में इसका जवाब दें। इसके बाद माममले में जवाब देने आए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा विधानसभा परिसर में यह वाकया हुआ है। ऐसे में पूरा अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का है। आसन जो निर्णय ले सरकार इस पर तैयार है।