भारत के कदम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की तरफ लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते कुछ सालों में वाहनों की लांचिंग से लेकर ब्रिकी तक में इजाफा देखा गया है। लेकिन बीत दो सप्ताह में देश की ईवी पहल पर सवाल उठ गए हैं। आपको याद होगा हमनें आप तक हाल के दिनों में एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटना की जानकारी साझा की था। जिसके करीब दस दिनों के भीतर देश में दो अन्य इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की खबर सामने आई है।
भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटरों के बढ़ते बाजार के आकार को देखते हुए तीन स्कूटर में आग लगना सोचने का विषय है। दरअसल, प्योर ईवी और ओकिनावा जिनके ई-स्कूटर में पिछले दस दिनों में आग लगी है, दोनों कंपनियां ल इस पर चुप्पी साधे हुई थी। जिसके बाद इन्होंने आश्वासन दिया है कि वे घटनाओं की जांच कर रहे हैं। फिलहाल इस बात से भी नकारा नहीं जा सकता कि ईवी में आग लगने का मुख्य कारण बैटरी हैं।
बैटरी में आग लगना ऑटो उद्योग के लिए कोई नई बात नहीं है, लेकिन आग के सही मूल कारण का पता लगाना बहुत मुश्किल रहा है। क्योंकि इन वाहनों में एक साधारण शॉर्ट सर्किट से भी आग लग सकती है। हालांकि ICE वाहन के विपरीत, EVs बड़ी और हैवी लिथियम आयन बैटरी का उपयोग करते हैं। जिनमें आग लगने का खतरा बना रहता है, हालांकि ऐसा सिर्फ तब होता है, जब बैटरी या तो सही तरीके से निर्मित ना हो या वह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसके अलावा बैटरी को संचालित करने वाला सॉफ़्टवेयर को सही तरह से डिज़ाइन नहीं किया गया हो।
पिछले हफ्ते Pure EV के ईप्लूटो स्कूटर में आग लगने की दो घटनाएं सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्टअप प्योर ईवी ने कहा है कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम आयन बैटरी के उत्पादन और स्टोरेज पर दिशानिर्देशों के विस्तृत सेट का प्रयोग कर रही है। डीलरों और हितधारकों को भेजे गए चार पृष्ठ के आंतरिक संचार नोट में, कंपनी ने कहा कि उसने कारखाने में दो क्षतिग्रस्त स्कूटरों में से एक को वापस बुला लिया है, और अधिक जानकारी के लिए घटना की जांच कर रही है।