जानिए कैसे पंचर लगाने वाले ने खरीदी डेढ़ करोड़ की जगुआर कार

राहुल तनेजा आज करोड़पति बिजनेसमैन हैं और महंगी-महंगी लग्जरी कारों के मालिक हैं. हालांकि, राहुल के लिए यह सब आसान नहीं था. जब राहुल छोटे थे तब उनके पिता जीवनयापन के लिए पंचर लगाने का काम किया करते थे, बाद में टेंपो चलाने लगे.

11 साल की उम्र में राहुल ने अपना घर छोड़ दिया और अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ा. पैसे की कमी ने उन्हें जीवन यापन के लिए अजीबोगरीब काम करने को मजबूर कर दिया. राहुल ने कहा कि उन्होंने मकर संक्रांति के दौरान पतंग, रक्षा बंधन के दौरान राखी, होली के दौरान रंग और दिवाली के दौरान पटाखे बेचे.

लेकिन उनकी स्थिति नहीं सुधरीं, उन्होंने अतिरिक्त आय के लिए ऑटो-रिक्शा चलाना भी शुरू कर दिया. चूंकि उसके पास लाइसेंस नहीं था, इसलिए वह पुलिस द्वारा पकड़े जाने के जोखिम से बचने के लिए रात 9 बजे से आधी रात के बीच गाड़ी चलाता था. पुराने दिनों को याद करते हुए राहुल ने बताया, “मैं एक ऐसे घर में चला गया था जहाँ मालिक के पास एक ऑटो-रिक्शा था. चूंकि मेरे पास लाइसेंस नहीं था, इसलिए मैं रात 9 बजे के बाद गाड़ी चलाता था.”

क्या वह कभी पुलिस से नहीं उलझे? इस प्रश्न के जवाब में राहुल हंसे और कहा, “नहीं… नहीं… भगवान का शुक्र है! कभी ऐसा नहीं हुआ.”

उनकी किस्मत ने तब करवट ली जब एक दोस्त ने राहुल को मॉडलिंग में हाथ आजमाने को कहा. राहुल ने बताया “मैं दिखने में अच्छा और लंबे कद का था. इसलिए एक दोस्त ने मुझे अभिनय और मॉडलिंग में हाथ आजमाने के लिए कहा. मैंने अपना पहला ऑडिशन 20 जून 1998 को जयपुर के राजा पार्क में एक फैशन शो के लिए दिया था.”

राहुल ने आगे बताया, “अगले कुछ वर्षों के भीतर मैंने मिस्टर जयपुर जीता था और राजस्थान में टॉप मॉडल था. यह तब हुआ जब लोगों ने मुझे सुझाव देना शुरू किया कि मैं बड़े अवसरों के लिए दिल्ली या मुंबई चला जाऊं … लेकिन मुझे पता था कि मैं जीवित नहीं रह पाऊंगा इसलिए मैं बैकस्टेज नौकरी में चला गया.”

इसके बाद उन्होंने शो आयोजित करना शुरू किया और 2005 में उन्होंने विनकेयर रेमेडीज द्वारा 1 करोड़ रुपये के बजट के साथ अपना पहला बड़ा आयोजन किया.

यह पूछे जाने पर कि क्या उनके दोस्त और परिवार उनके खर्च करने की आदतों पर सवाल उठाते हैं, राहुल हंसे और कहा, “नहीं सर, शुक्र है अभी तक नहीं.”

अंत में राहुल ने बताया, “मैं पैसे का उपयोग करने और जीवन को पूरी तरह से जीने में विश्वास करता हूँ.”

2011 में जयपुर के 37 वर्षीय राहुल तनेजा ने अपनी पहली लक्ज़री कार बीएमडब्ल्यू 5 सीरीज़ खरीदी. हालाँकि, बड़ा आकर्षण इस कार की नंबर प्लेट थी. इस RJ 14 CP 0001 – RJ 14 CP 0001 नंबर के लिए राहुल ने 10.31 लाख रुपये खर्च किए. तब से जयपुर में ‘Live Creations’ नामक एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाने वाले राहुल ने अपनी चार कारों की नंबर प्लेट बनवाने के लिए करीब 40 लाख रुपये खर्च किए हैं.

राहुल ने FinancialExpress.com के साथ बातचीत में कहा, “2011 में, मैंने अपनी पहली कार खरीदी, यह एक बीएमडब्ल्यू 5 सीरीज थी जिसके नंबर के लिए मैंने 10.31 लाख रुपये खर्च किए. फिर 2012 में, मैंने अपनी पत्नी के लिए स्कोडा लौरा खरीदा. इन दोनों कारों की नंबर प्लेट ‘0001‘ से खत्म होती थी.”

उनकी तीसरी कार बीएमडब्लू 7 सीरीज़ थी जिसमें फिर से वही नंबर थे. राहुल ने हाल ही में 1.5 करोड़ रुपये में एक जगुआर खरीदी है और अपनी गाड़ी के लिए फैंसी नंबर आरजे 45 सीजी 0001 प्राप्त करने से पहले लगभग एक महीने तक इंतजार किया.

राहुल यह नहीं मानते कि नंबर ‘1’ को लेकर जुनून है और वह इसे खुद को प्रेरित रखने का एक तरीका मानते हैं. राहुल ने कहा, “मुझे जिंदगी में नंबर 1 ही बनाना है… मैं जो कुछ भी करता हूं उसमें नंबर वन होने में यकीन रखता हूँ. तो इसलिए सारी गाडिय़ां का नंबर 1 ही नंबर लेता हूँ.”

नंबर एक के लिए उनकी दीवानगी सिर्फ कारों तक ही सीमित नहीं है. 1996 में, जब राहुल ने अपना पहला स्कूटर खरीदा, तो उन्होंने सुनिश्चित किया कि नंबर प्लेट के सभी अंकों का योग 1 हो. स्कूटर का नंबर RJ 14 23M 2323 (2+3+2+3 10 है) था जो सिंगल डिजिट में 1 आता है.

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